नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने वाले केंद्र सरकार के फैसले पर जल्द संसद की मंजूरी मिल जाने की संभावना है। केंद्र सरकार ने इस आशय का विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया। विधेयक के संसद में पारित हो जाने के साथ ही यहां रहने वाले तकरीबन 50 लाख लोगों को राहत मिलेगी। 1797 कॉलोनियों के नियमित करने को कानूनी मान्यता मिलने के साथ ही इनकी रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो जाएगा। दिल्ली में अगले साल के शुरू में ही विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को राहत देने संबंधी सरकार के इस फैसले का बहुत बड़ा असर पड़ने वाला है। इस संबंध में कैबिनेट के फैसले को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय ने मंगलवार को लोकसभा में विधेयक पेश किया। चर्चा के बाद इसके पारित होने की संभावना है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र पर वादे के अनुसार विधेयक नहीं लाने का आरोप लगाया था। 2008 के नियम के अनुसार नियमित करने की प्रक्रिया का समन्वय और निगरानी दिल्ली सरकार द्वारा की जाएगी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (रिकगनिशन ऑफ प्रापर्टीराइट्स इन अनअथराइज्ड कॉलोनीज) बिल 2019 पेश किया। विधेयक के मसौदे में 1797 चिह्न्ति अवैध कालोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक दिलाने का प्रस्ताव शामिल है। ये कॉलोनियां राष्ट्रीय राजधानी के 175 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली है, जहां ज्यादातर गरीब लोग रहते हैं।
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